स्वतंत्रता से पहले मध्य प्रदेश का नाम सेंट्रल प्रोविंस एंड बरार था जिसकी सीमाएं वर्तमान मध्य प्रदेश से बिल्कुल अलग थी।
आजादी मिलने पर राज्य को तीन स्टेट पार्ट A सेंट्रल प्रोविंस, पार्ट B इंदौर और पार्ट C भोपाल व विंध्यप्रदेश में बांटा गया।
राज्य का यह विभाजन भौगोलिक आधार पर किया गया था ना कि भाषागत या क्षेत्रीय भाग के आधार पर।
मध्य प्रदेश को अस्तित्व में लाने के लिए 1953 में निर्मित फजल अली आयोग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
राज्य निर्माण में सर्वप्रथम पार्ट A स्टेट के आठ मराठी भाषाई जिले को महाराष्ट्र को सौंप दिया गया।
पार्ट B स्टेट में मंदसौर जिले का कुछ क्षेत्र राजस्थान को देकर कोटा जिले की सिरोंज तहसील को विदिशा में मिलाया गया।
पार्ट C स्टेट के अंतर्गत आने वाले विंध्य प्रदेश और भोपाल रियासत को ज्यों का त्यों राज्य में मिलाया गया।
इस संपूर्ण प्रक्रिया के बाद 1 नवंबर 1956 को मध्य प्रदेश अस्तित्व में आया जिसकी राजधानी भोपाल रखी गई।
1 नवंबर 1956 को मध्य प्रदेश के साथ-साथ देश में 14 अन्य राज्य और 6 केंद्र शासित प्रदेशों का भी निर्माण हुआ।
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