Table of Contents
Ethanol fuel क्या है?
Future of Ethanol fuel : एथेनॉल एक तरह का अल्कोहॉल ईंधन होता है, इसका दूसरा नाम एथीन अल्कोहॉल भी है, जिसे गन्ने के रस, आलू, मक्का व सड़ी सब्जियों के किण्वन(fermentation) से प्राप्त किया जाता है। इसका उपयोग कार्बन प्रदूषण को कम करने के लिए जाता है। मूल रूप से यह पेट्रोल-डीजल की तरह ही ईंधन का एक प्रकार होता है, जिसका प्रयोग वाहनों को चलाने के लिए किया जाता है। परंतु Ethanol fuel पेट्रोल ओर डीजल से कई मायनों मे अलग होता है।
Ethanol fuel व पेट्रोल-डीजल में अंतर
Future of Ethanol fuel : पेट्रोल-डीजल की तुलना में एथेनॉल मे अधिक ऑक्टेन रेटिंग व ऑक्सीजन होती है, जिससे ईंधन का पूर्ण दहन होता है। एथनॉल के जलने पर बहुत कम मात्रा में कार्बन का उत्सर्जन होता है, जो हमारे पर्यावरण को स्वास्थ्य बनाए रखने मे लाभकारी सिद्ध होगा। साथ ही यह डीजल-पेट्रोल से कम दामों मे उपलब्ध होगा।
देश में Ethanol fuel के समक्ष चुनौतियाँ
वाहनों का असक्षम होना –
Future of Ethanol fuel : एथेनॉल ईंधन को पूर्ण रूप से अभी देश में लागू नहीं किया जा सकता, क्योंकि भारत के 40% पुराने वाहनों के इंजन एथेनॉल को एक्सेप्ट करने के लिए तैयार नहीं है। एक दूसरा बड़ा कारण एथेनॉल के प्रयोग से ठंड के समय में गाड़ी का स्टार्ट ना होना भी है इसके लिए हमें इंजनों मे कुछ बदलाव करने होंगे, जिस कारण से इसे भारत मे धीमी गति से लागू किया जा रहा है। जिसकी वजह से वर्तमान मे पेट्रोल मे 10% एथेनॉल मिलाया जा रहा है जिसे 2025 तक बढ़ाकर 20% तक कर दिया जाएगा।
उत्पादन हेतु अधिक भूमि की आवश्यकता –
जैसा कि अभी हमने बताया कि एथेनॉल को मुख्यतः गन्ना और मक्के के पौधों से प्राप्त किया जाता है। सघन आबादी वाले हमारे देश में इस ईंधन की आवश्यकता पूरी करने के लिए बहुत अधिक मात्रा में ऑर्गैनिक वैस्ट की जरूरत पड़ेगी, और अधिक वैस्ट के लिए प्रत्यक्ष रूप से अधिक क्षेत्र में खेती करना होगा। हमारे देश में लगातार कृषि क्षेत्र में कमी आ रही है, ऐसे में यह एक बड़ी दिक्कत हो सकती है।

एथेनॉल निर्माण में अत्यधिक ऊष्मा का उत्पन्न होना –
एथेनॉल ईंधन के निर्माण जैविक कचरा को सड़ाया जाता है जिसके बाद डिसटीलेशन प्रक्रिया में बहुत अधिक गर्मी निकलती है, जो हमारे पर्यावरण को नुकसान पहुँचा सकती है।
Ethanol fuel का भारत मे उत्पादन
वर्तमान समय मे यह टेक्नोलॉजी महंगी होने के कारण भारत मे इसके कम प्लांट है, इसके बावजूद उत्तरप्रदेश भारत मे सर्वाधिक एथनॉल (ethenol) उत्पादन करने वाला राज्य बन गया है, जिसका मुख्य कारण वहाँ पर अधिक मात्रा में की जाने वाली गन्ने की खेती है। दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका की जियोकेम कंपनी को एथेनॉल प्लांट स्थापित करने में कुल 2.50 करोड़ रुपए का खर्च आया है। वहीं दूसरी तरफ भारत में 1 अप्रैल 2023 से 60 रुपये प्रति लीटर एथेनॉल मिलना प्रारंभ हो गया है।
एथेनॉल का भारत में भविष्य | Future of Ethanol fuel in India
Future of Ethanol fuel : हाल ही में भारत के सड़क एवं परिवहन केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दुनिया की पहली BS-6 electified fuel car लॉन्च की, जिसे टोयोटा कंपनी के द्वारा बनाया गया है। इसी ईवेंट मे नितिन गडकरी द्वारा एथेनॉल के संदर्भ में कुछ बातें कही गई। माना जा रहा है कि यह एथेनॉल ईंधन एक बड़ा गेम चेंजर हो सकता है क्योंकि इसके उत्पादन के लिए जैविक संसाधनों का प्रयोग किया जा रहा है, जिससे एक स्वस्थ्य और स्वच्छ पर्यावरण का निर्माण होगा। इसी की पहल करते हुए टोयोटा ने अपनी पहली 100% Ethanol fuel एथेनॉल फ्यूल वाली कर लॉन्च कर दी है। कार के बारे मे अधिक जानने हेतु यहाँ क्लिक करें।

एथेनॉल ईंधन से संबंधित बार बार पूछे जाने वाले प्रश्न –
-
भारत में एथेनॉल ईंधन की कीमत क्या है?
भारत में यह ईंधन 60 रुपये प्रति लीटर मिलना प्रारंभ हो गया है।
-
देश में एथेनॉल ईंधन का सर्वाधिक उत्पादन कहाँ किया जाता है?
उत्तरप्रदेश एथेनॉल ईंधन के उत्पादन में अग्रणी राज्य है, इसका मुख्य कारण राज्य में होने वाली गन्ने की खेती है।
-
एथेनॉल पर्यावरणीय स्थिति में कैसे योगदान करता है?
एथेनॉल पारिस्थितिकीय गैस उत्सर्जन में कमी करता है और पारंपरिक फॉसिल ईंधन के साथ एक स्वच्छ विकल्प प्रदान करता है।
-
क्या एथेनॉल से चलने वाले वाहनों के लिए कोई विशेष प्रकार के हैं?
कई वाहन E85, एकमुखी 85% एथेनॉल और 15% गैसोलीन के साथ चल सकते हैं, लेकिन निर्धारित एथेनॉल वाहन भी उपलब्ध हैं।
-
एथेनॉल ईंधन की सफलता में जनसंख्या की जागरूकता की क्या भूमिका है?
जनसंख्या की जागरूकता, एथेनॉल के मुख्य ऊर्जा विकल्प के रूप में सकारात्मक दृष्टिकोण की साधने के लिए महत्वपूर्ण है।