हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। 

शरद पूर्णिमा के अवसर पर अपनी 16 कलाओं से सुसज्जित चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट होता है

हिंदुओं में इस दिन चंद्रमा की रोशनी से अमृत वर्षा और लक्ष्मी पूजन की मान्यता है

28 अक्टूबर को लगने वाले चंद्र ग्रहण ने लोगों को संकट में डाल दिया है क्योंकि सूतक के समय पूजन कार्य अशुभ माने जाते हैं

शरद पूर्णिमा पर विद्वानों ने सायं 4 बजकर 5 मिनट से पूर्व लक्ष्मी पूजा तथा रात 2:24 के बाद खीर खाने की सलाह दी है

ऐसा माना जाता है कि चंद्रमा की रोशनी लगी खीर खाने से पूरे वर्ष शरीर निरोग व स्वस्थ बना रहता है

आज 28 अक्टूबर को भारत में शरद पूर्णिमा के साथ-साथ गुरु वाल्मीकि जयंती और मीराबाई जयंती भी मनाई जाएगी। 

भारत का एक मात्र मंदिर ऐसा मंदिर जिसे देश भर में तांत्रिक शक्तियों का केंद्र माना जाता है।