दरअसल 12 नवंबर को उत्तरकाशी स्थित सिल्क्यारा सुरंग धसने से 41 मजदूर वहां फंस गए थे।

हादसे की जानकारी मिलने पर तुरंत मजदूरों की खोज में सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिए गए थे।

लगातार 12 दिन तक चले इन ऑपरेशनो की मदद से सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है

अपने परिवार से मिलने के बाद इन सभी मजदूरों को हेल्थ चेकअप के लिए एम्स पहुंचाया गया है

टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए 60 मीटर तक 800 MM की ड्रिलिंग की गई थी।

रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता पर नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।

9000 करोड़ रुपए की लागत से भारत का पहला 8 लैन हाइवे बनकर हुआ तैयार

 व्हाट्सप्प चैनल