“Delhi the most polluted city”
बीते कुछ समय में दिल्ली देश का ही नहीं दुनिया का सबसे अधिक वायु प्रदूषित शहर बन चुका है राजधानी का AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) लगातार बढ़ता जा रहा है भारतीय मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली का औसतन AQI 300 है जो एक खराब गुणवत्ता को दर्शाता है।
Delhi the most polluted city : अमेरिका स्थित शिकागो यूनिवर्सिटी की वर्ष 2022 की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली वायु प्रदूषण में दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है विश्व के सबसे अधिक वायु प्रदूषण वाले देश की सूची में बांग्लादेश के बाद भारत दूसरे स्थान पर है देश में हवा का गुणवत्ता स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों से काफी अधिक है भारत की 63% आबादी गंभीर वायु प्रदूषण से ग्रसित हो रही है।
दिल्ली में वायु प्रदूषण का कारण-
Delhi the most polluted city : राजधानी में प्रदूषण के कई बड़े कारण है जिसमें उद्योग और भौगोलिक दशा महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं देश की राजधानी होने के कारण प्रतिदिन दिल्ली की आबादी में हजार तक का इजाफा होता है, और बढ़ती जनसंख्या सभी प्रकार के प्रदूषण का कारण बनती है।
देश -विदेश के निवेशक और उद्योगपति भी मेट्रो सिटी होने के कारण यहां के उद्योग धंधे में निवेश करते जो आगे चलकर प्रदूषण को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ऐसा माना जाता है दिल्ली NCR के आसपास के राज्यों के द्वारा खराब फसल को जलाने पर सबसे अधिक वायु प्रदूषित होती है इसी समय हिंदुओं का प्रमुख त्योहार दिवाली पर भी भारी आतिशबाजी की जाती है जिससे निकालने वाला विषैला धुआँ शहर के बढ़ते प्रदूषण का कारण बनता है।
वायु प्रदूषण के प्रभाव –
वर्ष 2015 की एक रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण प्रतिदिन 80 लोगों की जानें काशीवास हो जाती थी। पीएम 2.5 की दर से प्रदूषित दिल्ली शहर का वायु प्रदूषण 10000 से 30000 वार्षिक दिवंगतों के लिए जिम्मेदार है बीते समय हुए एक अध्ययन के दौरान राजधानी में गंगलाभों की संख्या पिछले 20 वर्षों में तीन गुना तक बढ़ गई है।
देश में बढ़ता वायु प्रदूषण यहीं तक सीमित नहीं है, इससे गर्भ में पल रहे शिशु की मानसिक स्थिति पर बुरा प्रभाव पड़ता है और आम आदमी में आंखों से संबंधित सभी रोग होने के आसार भी बढ़ रहे हैं। सर गंगाराम हॉस्पिटल एंड लंग्स केयर फाउंडेशन की एक रिसर्च के मुताबिक वायु प्रदूषण फेफड़ों के कैंसर का मुख्य कारण बन गया है।
WHO द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार उत्तर भारत के लोगों की आयु 7.5 साल तक घट रही है जबकि दिल्ली NCR और लखनऊ में यह आंकड़ा 10 वर्ष तक है। वर्ष 2013 में दुनिया में सबसे अधिक वायु प्रदूषण बढ़ाने में भारत पहले स्थान पर था। वैश्विक स्तर पर भारत ने 44% तक का प्रदूषण बढ़ाया था जिससे व्यक्ति की औसतन आयु में 2.5 साल की कमी दर्ज की गई। दिल्ली के अलावा अब मुंबई में भी वायु प्रदूषण गति पकड़ रहा है जहां अभी से दिवाली पर प्रदूषण की रोकथाम के लिए बैठकें शुरू हो गई है।
वर्तमान दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति –
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार आज 25 अक्टूबर को हवा की गुणवत्ता खराब रह सकती है एनसीआर दिल्ली के क्षेत्र में सर्दी ने अभी दस्तक भी नहीं दी और हवा का गुणवत्ता स्तर नीचे गिरने लगा है। राजधानी का औसतन AQI 300 रहता है जो खराब गुणवत्ता वाला माना जाता है नेशनल एयर क्वालिटी इंडेक्स के मुताबिक दिल्ली में अधिकतम औसत वायु प्रदूषण 303 दर्ज किया गया।
प्रदूषण की रोकथाम –
राजधानी में बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम के लिए सरकार व जनता को साथ मिलकर प्रयास करने होंगे तभी शहर को रहने योग्य बनाया जा सकता है वर्तमान समय में दिल्ली का AQI 300 से अधिक चला जाता है जो एक सामान्य स्तर से बहुत अधिक है।
- सार्वजनिक परिवहन – शहर में लोगों को यातायात के लिए व्यक्तिगत साधनों के स्थान पर सार्वजनिक वाहनों का प्रयोग करना चाहिए।
- सौर ऊर्जा – घरों, बहुमंजिला इमारत में सौर पैनल के उपयोग को बढ़ाना चाहिए, ताकि कोयला से बिजली बनने वाले थर्मल पावर प्लांट को बंद किया जा सके।
- सीएनजी वाहनों का प्रयोग – सरकार को सीएनजी वाहनों के प्रति लोगों में जागरूकता लाना चाहिए जिससे पेट्रोल डीजल की खपत में कमी किया जा सके। सीएनजी पेट्रोल डीजल की तुलना में स्वच्छ इंजन है जो प्रदूषण को बहुत हद तक नियंत्रित करता है।
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Delhi me pollution to bahut hai ,, par Delhi education ke liye achhi hai🙃
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