Seeing moon on Ganesh Chaturthi
प्रतिवर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को श्री गणेश की स्थापना की जाती है संपूर्ण भारत में 10 दिनों तक चलने वाले इस त्यौहार को धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है पर क्या आप जानते हैं कि हम यह उत्सव 10 दिनों तक ही क्यों मनाते हैं?
Table of Contents
श्री गणेश उत्सव 10 दिवसों तक क्यों मनाया जाता है?
Seeing moon on Ganesh Chaturthi : यह बात उन दिनों की है जब महर्षि वेदव्यास हिंदू धर्म को किसी किताब में गढ़नें अर्थात वेदों की रचना करने हेतु एक लेखक की खोज में भगवान शिव के पास गए और उन्होंने शिवजी से अनुरोध किया कि उन्हें एक लेखक प्रदान किया जाए जो हमारे वेदों की रचना कर सकें तब भगवान शिव ने गणेश जी को यह कर सौंपा। श्री गणेश ने महर्षि वेदव्यास के सामने यह शर्त रखी कि उन्हें बिना रुके बोलना होगा ताकि श्री गणेश शीघ्र ही अपना कार्य संपन्न करके वापस अपने लोक जा सके।v
Seeing moon on Ganesh Chaturthi : इस तरह वेदों की रचना की शुरुआत हुई वेदों की रचना करते-करते जब 9 दिन बीत गए तब महर्षि वेदव्यास ने पाया कि लगातार लेखन कार्य करने की वजह से श्री गणेश के शरीर का तापमान बहुत अधिक हो गया है इसके पश्चात उन्होंने दसवें दिन भगवान गणेश को नदी में स्नान कराया तभी से यह त्यौहार संपूर्ण हिंदू समाज में गणेश उत्सव के नाम से मनाया जाता है। इसी समय श्री गणेश की वेदों की रचना करते समय श्री गणेश की कलम टूट जाने पर उन्हें अपना एक दांत तोड़ा व अपने दांतों से ही वेद लिखे, जिस कारण उन्हें एकदंत नाम भी दिया गया।

गणेश चतुर्थी को चंद्रमा के दर्शन क्यों नहीं करना चाहिए ?
Seeing moon on Ganesh Chaturthi : भगवान शिव द्वारा श्री गणेश को गजानन रूप देने के बाद गणेश व कार्तिकेय दोनों भाइयों के मध्य कौन श्रेष्ठ है? यह जानने के लिए भगवान शिव और माता पार्वती के पास गए वहां शिवजी ने कहा कि जो पहले पृथ्वी की सात परिक्रमा करके वापस आएगा वही श्रेष्ठ माना जाएगा। यह सुनकर भगवान कार्तिकेय अपने मोर पर सवार होकर तुरंत परिक्रमा हेतु निकल गए, परंतु श्री गणेश की सवारी मूषक थे जो की मोर की तुलना में तेज नहीं भाग सकते थे तब श्री गणेश ने अपने माता-पिता को ही पृथ्वी मानकर उनकी परिक्रमा की।
Seeing moon on Ganesh Chaturthi : जिसके बाद से ही वे सभी देवों में प्रथम पूजनीय कहलाए तथा सभी देवता उनके सम्मान में नतमस्तक हुए यह देखकर चंद्रमा अपने रूप के अहंकार में मन ही मन मुस्कुरा रहे थे जब भगवान गणेश ने चंद्रमा को देखा तो वे क्रोधित हो गए और उन्होंने चंद्रमा को श्राप दिया कि चंद्रमा आप कलंकित हो जाएंगे।
Seeing moon on Ganesh Chaturthi : इसके बाद चंद्रदेव द्वारा माफी मांगने पर श्री गणेश ने कहा कि अब तुम सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित होंगे वह महीने में एक बार पूर्ण रूप से चमक पाओगे और आज से जो कोई भी गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा का दर्शन करेगा या फिर अपने रूप का अहंकार करेगा, तो उस पर झूठे आरोप लगेंगे जिससे उसकी छवि और सम्मान को ठेस पहुंचेगी।
Seeing moon on Ganesh Chaturthi : जब द्वापर युग में श्री गणेश श्री कृष्ण ने चौथ का चांद देखा था तो उन पर भी चोरी किया आरोप लगे थे अगर भूल बस आप भी गणेश चतुर्थी के दिन चांद का दर्शन कर लेते हैं तो आपको इस कहानी का पाठ एवं श्रवण करना चाहिए तथा श्री गणेश का नाम जप करना चाहिए ताकि भगवान श्री गणेश आपकी भूल क्षमा कर सके। यह लेख भारतीय जन स्तुति के आधार पर लिखा गया है हम किसी भी स्तर पर इसके किसी भी सत्यापन की जिम्मेदारी नहीं लेते हैं।

श्रीगणेश के संबंध में पूछे जाने वाले प्रश्न –
-
भगवान गणेश की पूजा कब की जाती है?
हमारी दैनिक पूजाओं से लेकर बड़े-बड़े अनुष्ठानों की शुरुआत में श्री गणेश की पूजा की जाती है, क्योंकि वे सभी देवों में प्रथम पूजनीय हैं।
-
भगवान को गणेश को हल्दी का तिलक क्यों लगाया जाता है?
आपके द्वारा किए जाने वाले कोई भी अच्छे कार्य में सफलता प्राप्ति के लिए भगवान लंबोदर को हल्दी का तिलक लगाया जाता है।
-
भगवान गणेश के कितने नाम है?
श्री गणेश को कई नामों से जाना जाता है लंबोदर, विघनहर्ता, अष्टविनायक, गणपती, बाप्पा, वक्रतुंड आदि।
-
श्री गणेश की पत्नी कौन थी?
भगवान गणेश की दो पत्नियाँ है माता रिद्धि और सिद्धि।
हमारे Whatsapp | Telegram चैनल से जुड़ें।