Project Marut –
भारतीय वायु सेना ने एक नए मिशन की शुरुआत की है जिसका नाम प्रोजेक्ट मारुत (Project Marut) रखा गया है इसके अंतर्गत वायुसेना विभाग अपने अतीत की बड़ी उपलब्धियां को एकत्रित करके डिजिटलाइज करने का काम करेगी। वायुसेना ने इस प्रोजेक्ट का नाम भारत के पहले इंडीजीनस एयरक्राफ्ट HF-24 मारुत के ऊपर रखा है।
भारतीय वायु सेना के ऐसे रिकॉर्ड जो रॉ बुक्स और अलग-अलग फॉर्म में इग्ज़िस्ट करते हैं उन सभी को एकत्रित किया जा रहा है और वायुसेना विभाग ने यह सूचना जारी की है कि यदि किसी व्यक्ति के पास वायु सेना के किसी भी मिशन या प्रोजेक्ट से संबंधित फोटो, वीडियो या एनीमेशन है तो वह projectmarut@Gmail.com पते पर मेल कर सकते हैं।
Project Marut के लिए अभी तक 60% से ज्यादा रॉ डाटा जुटाया जा चुका है जिसे शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा इसके बाद वायु सेना द्वारा डाटा एकत्रित करके उसे भविष्य की खोज एवं अनुसंधान के लिए डिजिटलीकृत किया जाएगा और इसके माध्यम से भविष्य की पीढ़ियां भी वायुसेना के स्वर्णिम इतिहास को एक क्लिक के माध्यम से जान सकेगी।
कई अनसुनी कहानियां हैंड रिटन लॉग बुक्स जिनके बारे में हम बहुत कम जानते हैं उन सभी कोई एकत्रित करके एक प्लेटफार्म पर संयोजित किया जाएगा, जिसके माध्यम से पूरी दुनिया वायुसेना के गौरव में इतिहास को जान सकेगी।
वायु सेना विभाग द्वारा उठाया गया यह कदम सराहनीय है जिसकी प्रशंसा पूरी दुनिया में हो रही है इसी के साथ आज की दूसरी मुख्य खबर यह है कि भारत ने साल 2024 के पहले दिन दुनिया का दूसरा रेडिएशन की स्टडी करने वाला सैटेलाइट लॉन्च कर दिया है जिसका नाम XPoSAT रखा गया है।
इसरो चीफ एस सोमनाथ ने इस सैटेलाइट XPoSAT के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इसका लॉन्च सतीश धवन स्पेस सेंटर श्रीहरिकोटा से सुबह 9 बजकर10 मिनट पर किया गया था सैटेलाइट को मात्र 21 मिनट की उड़ान के पश्चात पृथ्वी से 650 किलोमीटर ऊपर कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया गया है। लगभग 9.5 करोड रुपए की लागत से बना यह सेटेलाइट स्पेस में आकाशगंगा, ब्लैक होल, न्यूट्रॉनस और कई प्रकार की रेडिएशन की स्टडी करने का कार्य करेगा जिसकी उम्र लगभग 6 साल बताई जा रही है।
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